UPI Full Form in Hindi – यूपीआई क्या है? नमस्कार दोस्तों, आज के इस blog पोस्ट में आपको UPI full form के बारे में जानकारी देने वाले है, यदि आप इन सवालों का जवाब हिंदी में जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट में UPI से जुड़ी पूरी जानकारी शेयर की गई है। सभी सवालों का जवाब जानने इस से जुड़ी अन्य जानकारी प्राप्त करने और यूपीआई की विशेषताएं, यूपीआई की working process और क्यों इसे use किया जाता है पर भी एक नजर डालेंगे पूरी जानकारी के लिए पोस्ट को अंत तक पढ़े:
UPI Full Form in Hindi
UPI का Full Form “Unified Payments Interface” होता है। इसे हिंदी भाषा के उच्चारण में “एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस” कहते है।
यूपीआई क्या है?
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एक ऐसी Real-time Cash Transfer system है, जो कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में कई बैंकिंग सुविधाओं, सीमलेस फंड रूटिंग और मर्चेंट पेमेंट्स को एक हुड में मर्ज करती है। यूपीआई दो बैंक खातों के बीच एक मोबाइल इंटरफेस के माध्यम से तुरंत payments को transfer करने में मदद करती है। यूपीआई एक प्रकार का concept है जो विभिन्न बैंक खातों को एक ही मोबाइल ऐप से जुड़ने की अनुमति देती है। इस system की स्थापना भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम ने RBI और IBA (इंडियन बैंक एसोसिएशन) की देखरेख में की गई है।
Steps for UPI Registration:
- सबसे पहले Users UPI application को ऐप स्टोर/ google play store/ बैंक की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते है।
- उसके बाद Users अपना नाम, वर्चुअल आईडी (भुगतान पता), पासवर्ड आदि जैसे विवरण दर्ज करके अपना प्रोफ़ाइल बनाता है।
- उपयोगकर्ता “Add/Link/Manage Bank Account” option पर जाता है और अपने बैंक और खाता संख्या को वर्चुअल आईडी से जोड़ता है।
यूपीआई – पिन जनरेट कैसे करना है: - users अपने उस बैंक खाते का चयन करता है जिससे वह लेन-देन आरंभ करना चाहता/चाहती है।
- उपयोगकर्ता किसी एक विकल्प पर क्लिक करता हैयूपीआई पिन बदलें
- Users को उसके Selected बैंक से उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होता है।
- उसके बाद users अब अपने डेबिट कार्ड नंबर के अंतिम 6 अंक और समाप्ति तिथि दर्ज करना पड़ता है।
- उपयोगकर्ता ओटीपी दर्ज करता है और अपने मन से या फिर अपना कोई भी पसंदीदा यूपीआई पिन (यूपीआई पिन जिसे वह सेट करना चाहता है) दर्ज करता है और सबमिट पर क्लिक करता है।
- सबमिट बटन पर क्लिक करने के बाद, ग्राहक को सूचना मिलती है (सफल या अस्वीकृत) की।
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यूपीआई की Working process:
- उपयोगकर्ताओं को यूपीआई सेवा का उपयोग करने के लिए अपनी पसंद का वीपीए (वर्चुअल पेमेंट एड्रेस) बनाना होगा।
- उसके बाद Users को अपने बैंक खाते को वीपीए से भी जोड़ना होता है।
- जब VPA ग्राहक का वित्तीय पता बन जाता है, और उन्हें पैसे भेजने या प्राप्त करने के लिए IFSC कोड, लाभार्थी खाता संख्या या नेट बैंकिंग पासवर्ड और उपयोगकर्ता आईडी जैसी जानकारी वापस लेने की आवश्यकता नहीं होती है।
- पुल एंड पुश के लिए ग्राहक के वर्चुअल एड्रेस का उद्देश्य अतिरिक्त सुरक्षा को मजबूत करना है।
- ग्राहक को इस जानकारी में बार-बार पंच करने की आवश्यकता नहीं है, और कोई साख साझा करने की आवश्यकता नहीं है।
Conclusion:
इस post के लिखने का हमारा एक ही उद्देश्य था की, आप लोगों को UPI और इससे जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकारी हमारे इस article से मिले। हम उम्मीद करते है की आपको इस article को पढ़ कर के सही से चीजों की जानकारी मिली होगी। आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और अन्य लोगों में भी शेयर कर सकते है, ताकि इसके बारे में सभी को जानकारी मिल पाए।